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Ø क्या है रेडियोग्राफी

रेडियोग्राफी चिकित्सा विज्ञान का वह विशेष क्षेत्र है जिसमें किरणों एवं इमेजिंग टेक्निक्स के माध्यम से मर्ज की पहचान कर उसका उपचार किया जाता है। मेडिकल फील्ड में कई चमत्कारिक खोजें हुई हैं। एक्स-रे भी इन्हीं में से एक है। एक्स-रे की खोज के बाद चिकित्सा क्षेत्र में रिसर्च वर्क में और अधिक तेजी आई। कैंसर, ट्यूमर जैसी बीमारियां चिकित्सा क्षेत्र के लिए हमेशा से चुनौती रही हैं। इन बीमारियों से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। इतनी बडी संख्या में हो रही मौतों के पीछे का एकमात्र कारण यह है कि इन बीमारियों का पता ही तब चलता है जब ये अंतिम चरण में पहुंच गई होती थीं और इस स्टेज में डॉक्टर मरीज के लिए चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था। इस समस्या का समाधान रेडियोग्राफी से संभव हो गया है। रेडियोग्राफी में शरीर के अंदर एक्स-रे को भेजकर जांच की जाती है। इस तरह की जांच से अब तक असाध्य समझी जाने वाली कई बीमारियों का समय रहते ही पता चल जाता है और उपचार द्वारा उसको ठीक कर लिया जाता है।

Ø कई तरह के कोर्स

अगर आज रेडियोग्राफी की फील्ड में जाना चाहते हैं तो कई तरह के कोर्सो के विकल्प आपके सामने मौजूद हैं। आप चाहें तो सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री तक के कोर्स कर सकते हैं। सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्सो की अवधि प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है।

Ø शैक्षिक योग्यता क्या है

रेडियोग्राफी की फील्ड में प्रवेश करने के लिए स्टूडेंट का विज्ञान वर्ग से 12वीं पास होना आवश्यक है। जो लोग इस विषय में बीएससी करना चाहते हैं, उनका 12वीं में विज्ञान वर्ग (गणित, फिजिक्स, कैमिस्ट्री) में अच्छे अंकों के साथ पास होना जरूरी है। आप चाहें तो इस विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं। इसके लिए इसी विषय से ग्रेजुएट होना जरूरी है।

Ø बदलाव की फील्ड

जिस तरह रेडियोग्राफी ने संपूर्ण चिकित्सा जगत को परिवर्तित करने का काम किया है, उसे देखते हुए इसे वर्तमान युग की एक बडी मेडिकल क्रांति कहा जा रहा है। चिकित्सा क्षेत्र बदलाव का क्षेत्र है और इसकी हर विधा में परिवर्तन हो रहा है। रेडियोग्राफी भी इससे अछूता नहीं है। साल दर साल नई तकनीक सामने आ रही हैं और पुरानी धीरे-धीरे प्रचलन से गायब हो रही हैं। रेडियोग्राफी का क्षेत्र मशीनों पर आधारित है। इसलिए इस फील्ड में उन्हीं लोगों को जाना चाहिए, जो हर समय नया सीखने की ललक मन में रखते हैं। एक लीक पर चलने वाला व्यक्ति इस सेक्टर से जल्द ही बाहर हो सकता है।

Ø रेडियोग्राफर का काम

एक रेडियोग्राफर इस विधि में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों का विशेषज्ञ होता है। वह यह अच्छी तरह जानता है कि किस अंग के लिए किस तरह से मशीन को सेट करना है, उसका प्रयोग कैसे करना है, किस तरह सुरक्षित तरीके से इस संपूर्ण क्रिया को अंजाम देना है। एक रेडियोग्राफर की यह भी जिम्मेदारी होती है कि वह इस काम में आने वाले उपकरणों का रख-रखाव और देखभाल भी करे। एक अच्छे रेडियोग्राफर को एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई), कम्प्यूटेड टेमोग्राफी आदि का बेहतर ज्ञान जरूरी है।

Ø सैलरी भी अच्छी है

रेडियोग्राफी का प्रशिक्षण लेने के बाद अगर शुरुआत में ही आपको किसी बडे अस्पताल, नर्सिग होम या पैथोलॉजी के साथ काम करने का अवसर मिल जाता है तो निश्चित रूप से वहां वेतन की शुरुआत भी अच्छी ही होगी। इन जगहों पर आमतौर पर प्रारंभिक वेतन 10 हजार रुपए प्रतिमाह से अधिक ही होता है। इन जगहों पर कुछ वर्षो का अनुभव होने पर आय 20 से 25 हजार रुपए प्रतिमाह से अधिक हो जाती है। आपको प्रारंभ में कितना वेतन दिया जाएगा इसका निर्धारण उम्मीदवार के इस फील्ड संबंधी तकनीकी ज्ञान और उसके द्वारा किए गए कोर्स से तय होता है।

Ø प्रशिक्षण संस्थान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली
दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, बिहार
गांधी मेडिकल कॉलेज, हैदराबाद
पोस्ट ग्रेजुएड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च, चंडीगढ
जनरल हॉस्पिटल, बीकानेर
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर
बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर
पीएमसीएच, पटना

Ø हिम्मत बंधाने का काम

यह काम वही कर सकता है, जो इस फील्ड की बारीकियों के साथ-साथ मानवीय गुणों का भी धनी हो। कई बार ऐसा होता है कि मरीज जांच से पूर्व मन में पल रही आशंकाओं से विचलित हो जाता है और जांच से घबराने लगता है। मरीज को आशान्वित करके जांच के लिए राजी कराना और उसे हर हाल में ठीक हो जाने का भरोसा दिलाने का काम भी रेडियोग्राफर ही करता है। चेहरे पर नहीं शिकन और काम में पूरी लगन इस फिल्ड में सफलता का मूलमंत्र है।

Ø रेडियोग्राफरों की मांग

आजकल मरीज हों या डॉक्टर, दोनों ही बीमारी के विषय में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। वह बीमारियों की तत्काल पहचान और निदान चाहते हैं। इसके लिए रेडियोग्राफी तकनीक सबसे कारगर सिद्घ हो रही है। इस विधि को पूरा करने वाला व्यक्ति रेडियोग्राफर कहलाता है। मेडिकल फील्ड में आया यह बदलाव रेडियोग्राफरों की मांग में इजाफा कर रहा है। पहले इनकी डिमांड केवल बडे शहरों तक ही सीमित थी, लेकिन अब छोटे शहरों एवं कस्बों में भी इसकी जानकारी रखने वालों को पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो रहे हैं

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